विधा - नवगीत
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मात्रा भार - 16 - 12
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सब पर्वों में सबसे पावन ,
भाई दूज अनमोल ।
बहन भ्रात के नाते का तो ,
नहीं है कोई मोल ।।
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मंगल तिलक लगाती बहनें ,
कर रहीं शुभकामना ।
हर सुख दुख में प्यारे भैया ,
आकर हाथ थामना ।
गदगद मन से अंक लगाते ,
कह रहे मीठे बोल ।
बहन भ्रात के नाते का तो ,
नहीं है कोई मोल ।।
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बहन भ्रात का बंधन ऐसा ,
तोड़ सके नहीं कोय ।
इक दूजे पर जान लुटादे ,
इसी रिश्ते में होय ।
अमिट प्यार का है ये रिश्ता ,
सकते न कोई तोल ।
बहन भ्रात के नाते का तो ,
नहीं है कोई मोल ।।
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बहन दुआएँ करती हरपल ,
भ्राता खुशियाँ पाए ।
सदा बहन की रक्षा करने ,
भाई वचन उठाए ।
आशीषों से भरा खजाना ,
एक दूजे पर खोल ।
बहन भ्रात के नाते का तो ,
नहीं है कोई मोल ।।
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✍️इन्द्राणी साहू "साँची"✍️
भाटापारा (छत्तीसगढ़)
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बहुत सुंदर 👌👌👌 बहुत बहुत बधाई 💐💐💐
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