Monday, 21 June 2021

माता-पिता श्री को समर्पित वैवाहिक वर्षगाँठ बधाई गीत


गुरुदेव के माता-पिता श्री को समर्पित वैवाहिक वर्षगाँठ बधाई गीत ....*💐💐💐


हर्षित जीवन पुलकित ये मन

इस दिन की हरबार बधाई

हर्ष बसंत करे अभिनंदन 

कोयल की दे तान सुनाई।। 


*गुरुदेव संजय कौशिक 'विज्ञात'*


जीवन का उपहार समर्पण

नेह त्याग विश्वास समेटे

खेल रहे हिय के आँगन में

सात वचन बाँधे नव फेटे

परिणय का दिन जब-जब आता

लाता स्मृतियों की तरुणाई।। 


*नीतू ठाकुर 'विदुषी'*


शुभ दिन पावन हस्त मिलन का

सौरभ पुलकित सबके आँगन

झूम रही ऋतु मृदुल तान पर

सुरभी सुर की लगती पावन

धरती अंबर बाँट रहे यूँ

मोदक मेवे और मिठाई।। 


*सौरभ प्रभात*


मात पिता के साथ रहे जो,

सच में वे होते बड़भागी।

ईश्वर गुरुजन की सेवा मय

पितर चरण सेवा अनुरागी।

बरगद सी शीतल छायाँ में,

ओट हिमालय सी अछनाई।

हर्षित.......................

।। 

*बाबू लाल शर्मा बौहरा विज्ञ*


तृण प्राणों के आज प्रफुल्लित,

फिर महके ऑंगन स्नेह भरा।

हरी-भरी परिवारिक बगिया,

गौरव वैभव से गेह भरा।

गान मनोहर गाते पंछी,

अब बोले सरगम शहनाई। 


*परमजीत सिंह कोविद*


मिलता रहे आशीष इनका

चाहती "वीणा" ये कमाई

संग इनके ही रहके सदा

इस जीवन में खुशियांँ छाई

घर आँगन में फूल बरसता

मीठी चलती है पुरवाई। 


*पूनम दुबे "वीणा*


मात पिता सम तुल्य न कोई,

वे ही गुरु अरु भाग्य विधाता।

शुभ दिन परिणय का आया है,

जन्मों का हो जीवन नाता।

उर बगिया के वे रखवारे,

पुष्प उँडेले खुशियाँ छाई। 


*दीपिका पाण्डेय 'क्षिर्जा'।*


चित्र बसा कर उर में सुंदर

भाव शब्द को ढूँढ़ रहा है।

कलम कहे धीरे से आकर

पृष्ठों ने कब प्रेम कहा है।

यही कामना आख्या की है  

जीवन में हो नित ऊंचाई।। 


*अनिता सुधीर 'आख्या'*


मिल जाती जब दो आत्माएँ,

सात वचन दोनों ही माने।

बिन बोले  ही सब समझाये,

दोनों पूरक बनकर जानें।।

आज खुशी का दिन आया है,

खुशियाँ बाँटे आज सवाई।। 


*मधुसिंघी*


मात पिता का उपहार हमें,

जीवन दान मिला है सबको ।

प्रेम की प्रतिमा हैं ये सभी ,

देवों  सा स्थान मिला इनको ।।

सात वचन का मान ये सभी,

 जीवन इनका हो सुखदाई ।।


*सरला झा 'संस्कृति'*


ऊँगलिओं का दिया सहारा 

नन्हें पाँव जब  लड़खड़ाए 

हो जाते व्याकुल क्षण भर में 

जब भी हम पर विपदा आए 

बधाई के क्या शब्द लिखूँ 

सोंच मूढ़ मैं हूँ भरमाई ।।


*श्वेता विद्यांसी*


शहनाई के मधुर स्वरों में

मंगल गीत सभी ने गाए

मेंहदी रचे हाथ में कँगन

खनक खनक कर मोद जगाए

उठे पैर पैजनिया छनके

मांग सजी सूरज अरुणाई।।


 *कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'*


संग चले बन चाँद चकोरी 

हर सुख दुख सहते साथ रहे ।

वचन निभाते सातों फेरे 

थामें हाथों में हाथ रहे ।

सुखद अल्पना स्मृति से सज्जित

मन के आँगन में मुस्काई ।।


*इन्द्राणी साहू"साँची"*


आशीषों की झड़ी लगा के

आँगन सुंदर पुष्प खिलाए।

मात-पिता से घर की खुशियाँ

बार-बार ये शुभ दिन आए।

वैवाहिक जीवन सुखमय हो

खुशियाँ ले रहीं अंगड़ाई।


*अनुराधा चौहान'सुधी'*


सुखद सुयोगों की यह वेला

अति सुंदर  और सुपावन है

स्वर्णिम परिदृश्य मनोरम सा

शुभ क्षण यह जग मनभावन है

शाश्वत सूत्र सनातन है पर

प्रथा पुरातन है फलदाई।।


*वंदना सोलंकी'मेधा'*


भोर लालिमा आनंदित हिय

पुष्प कली सह चौक पुराए।

बंदनवार लगा पुरवाई

झूम झूम फिर मंगल गाए।

देख प्रफुल्लित चटका चिड़िया

नयनों ने निज खुशी जताई ।।..


*पूजा शर्मा "सुगन्ध"*


सद्यःस्नाता शुभ्रांगी सी

महके इठलाये कली कली।

आज मिलन की इस बेला में

गूँजे शहनाई गली गली।

मंद मंद सी पुरवाई भी

फिर होकर मगन गुनगुनाई।।


*अनुपमा अग्रवाल 'वृंदा'*


बंद लिफाफों में आज छिपा 

पग -पग में फिर उपहार मिले ।

बात करे आकाश धरा से 

है अंतर्मन में फूल खिले ।

सुख - दुख के पथ मिलकर चलते 

भर आँचल में खुशियाँ लाई।।


*चमेली कुर्रे 'सुवासिता'*


मात-पिता की ही गोदी में ,

हम तो फूल बने रहते हैं ।

दुख सारा हमको ही दे दो, 

वो तो हम को नित कहते हैं ।

मात-पिता को देखे राधे, 

तब तब ही मन में मचलाई ।


*राधा तिवारी "राधेगोपाल"*






4 comments:

  1. सादर नमन 🙏
    गुरुदेव के पिताजी और माताजी की वैवाहिक वर्षगाँठ पर उन्हें अनंत शुभकामनाएं देती हूँ। इन यादगार क्षणों को सबके साथ साझा करने के लिए गुरुदेव का आभार व्यक्त करती हूँ 🙏
    सभी की लेखनी ने एक से बढ़कर एक लिखा है 👌
    हार्दिक शुभकामनाएं इस विशेष दिवस की।

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  2. अदभुत बधाई गीत सभी को नमन
    आपकी सशक्त लेखनी को नमन 💐💐💐

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  3. पूजनीय माताजी और पिताजी को शादी की वर्ष गाँठ के उपलक्ष में हार्दिक बधाइयाँ और सुंदर रचना के लिए मनःपूर्वक अभिनंदन💐💐💐

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  4. अद्भुत गीत
    चित्र आंखों में बस गया है

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