आइये आज जानते हैं कि शोध पत्र कैसे लिखें
शोधपत्र का अर्थ (Meaning Of Research Paper)- क्या है ?
शोधपत्र, शोध रिपोर्ट या शोध कार्य का व्यावहारिक प्रस्तुति योग्य सार आलेख है जो परिणाम को अन्तिम रूप में समेट भविष्य की दशा तथा दिशा निर्धारण में सहयोग कार्य करता है।
“पत्र पत्रिकाओं (Journals) में प्रकाशित होने वाले अथवा संगोष्ठियों (Seminars) व सम्मेलनों (Conferences) में वाचन हेतु तैयार किये गए अनुसन्धान कार्य सम्बन्धी लेखों को प्रायः अनुसंधान पत्रक (Research Paper) का नाम दिया जाता है।”
शोध प्रपत्र लेखन कार्य आलोचनात्मक, सृजनात्मक तथा चिंतनशील स्तर का है। शोध प्रपत्र लेखन में एक विशिष्ट प्रक्रिया का अनुसरण करना होता है जिसमें समुचित क्रम को अपनाया जाता है।”
अतः उक्त आलोक में कहा जा सकता है कि शोध प्रपत्र सम्पूर्ण शोध के परिणाम व सुझाव से युक्त वह प्रपत्र है जिसमें स्व विचार के स्थान पर तथ्य निर्धारण तत्पर शोध आधारित दृष्टिकोण से वास्ता रखता है।
शोध प्रपत्र के प्रकार (Types Of Research Paper)-
कुछ विद्वतजनों द्वारा सुझाये गए सुझावों को कुछ विशेष प्रकारों को इस प्रकार क्रम दे सकते हैं –
विवाद प्रिय या तार्किक शोध पत्र (Argumentative Research Paper)
कारण प्रभाव शोध पत्र (Cause and Effect Research Paper)
विश्लेणात्मक शोध पत्र (Analytical Research Paper)
परिभाषीकरण शोध पत्र (Definition Research Paper)
तुलनात्मक शोध पत्र (Contrast Research Paper)
व्याख्यात्मक शोध पत्र (Interpretive Research Paper)
शोध प्रपत्र का प्रारूप (Research Paper Format)-
शोध पत्र लिखने का कोई पूर्व निर्धारित प्रारूप सभी प्रकार के शोध हेतु निर्धारित नहीं है शोध कर्त्ता का सम्यक दृष्टि कोण ही शोध प्रपत्र का आधार बनता है फिर भी अपूर्णता से बचने हेतु सभी प्रमुख बिंदुओं को सूची बद्ध कर लेना चाहिए। दिशा, प्रवाह, अनुभव, अवलोकन सभी से शोध पत्र को प्रभावी बनाने में मदद मिलती है सामान्यतः शोध प्रपत्र प्रारूप में अधोलिखित बिन्दुओं को आधार बनाया सकता है। –
(अ)- भूमिका
(ब)- विषय वस्तु
(स)- मुख्य अंश
(द)- परिणाम व सुझाव
संक्षेप में भूमिका लिखने के बाद विषय वस्तु से परिचय कराना चाहिए यहीं शोध शीर्षक के बारे में लिखकर मुख्य अंश के रूप में शोध प्रक्रिया, उपकरण व प्रदत्त संग्रहण, विश्लेषणआदि के बारे में संक्षेप में लिखते हुए प्राप्त परिणामों को सम्यक ढंग से प्रस्तुत करना चाहिए व इसी आधार पर सुझाव देने चाहिए अपने दृष्टिकोण को थोपने से बचना चाहिए।
अच्छे शोध प्रपत्र की विशेषताएं (Characteristics Of a Good Research Paper ) या
अच्छे शोध प्रपत्र के लाभ (Advantage Of a Good Research Paper )-
शोध प्रपत्र लिखना और सम्यक सन्तुलित शोध प्रपत्र लिखने में अन्तर है अतः प्रभावी शोध पत्र लिखने हेतु आपकी जागरूकता के साथ निम्न गुण, विशेषताओं का होना आवश्यक है तभी समुचित लाभ प्राप्त होगा।
(1 )- नवीन ज्ञान से संयुक्तीकरण।
(2 )- शोध कार्यों सम्बन्धित दृष्टिकोण का सम्यक विकास।
(3 )- पुनः आवृत्ति से बचाव।
(4 )- परिश्रम को उचित दिशा।
(5 )- विभिन्न परिक्षेत्र के शोधों से परिचय।
(6 )- समीक्षा में सहायक।
(7 )- विशेषज्ञों के सुझाव जानने का अवसर।
(8 )- शक्ति व धन की मितव्ययता।
(9 )- अनुभव में वृद्धि।
(10 )- प्रसिद्धि में सहायक।
सम्पूर्ण शोध पत्र लेखन के उपरान्त यदि वैदिक काल की मर्यादा के अनुसार सन्दर्भ ग्रन्थ सूची भी देनी अनिवार्य होती हैं ताकि कृतज्ञता ज्ञापन के साथ-साथ दूसरे शोध कर्त्ताओं को मदद प्राप्त हो सके ।
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