चाक पूजन का महत्त्व :
कलम की सुगंध एक साहित्यिक मंच है जहाँ साहित्य जगत के जानकर और नवांकुर रचनाकार अपनी कलम की सुगंध बिखेरते हैं। अलग अलग छंदों के विषय में जानकारी देकर उन्हें सृजन के लिए प्रेरित किया जाता है। जिसके फल स्वरुप हिन्दी साहित्य की ख़त्म हो रही अनेक विधाओं को पुनः नवजीवन देने में यह मंच सफल रहा है। इस मंच का उद्देश्य हिन्दी साहित्य को बढ़ावा देना है।
Thursday, 1 December 2022
चाक पूजन का महत्त्व : संजय कौशिक 'विज्ञात'
चाक पूजन का महत्त्व :
Monday, 31 October 2022
कलम की सुगंध गीतिका शतकवीर सम्मान समारोह संपन्न
कलम की सुगंध गीतिका शतकवीर के सफल आयोजन और सम्मान समारोह संपन्न होने की सभी साथियों को हार्दिक बधाई 💐💐💐
विज्ञात नवगीत माला मंच पर गुरुदेव संजय कौशिक 'विज्ञात' जी ने सभी समीक्षक एवं प्रतिभागियों को सम्मानपत्र देकर उनका उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर वीणा कुमारी 'नंदिनी' जी, आरती श्रीवास्तव 'विपुला' जी, पूनम दुबे 'वीणा' जी, और सरोज दुबे 'विधा' जी ने अपनी सस्वर प्रस्तुति से चार चाँद लगा दिए।
चार महीने के निरंतर प्रयास से इस कठिन लक्ष्य को प्राप्त कर रचनाकरों ने अपनी सशक्त लेखनी का परिचय दिया है। उनके प्रयासों को अनेकों नमन 🙏
कलम की सुगंध गीतिका शतकवीर सम्मान प्राप्त करने वाले साथियों को हार्दिक बधाई 💐💐💐💐
कलम की सुगंध गीतिका शतकवीर समीक्षक सम्मान प्राप्त करने वाले साथियों को हार्दिक बधाई 💐💐💐💐
कलम की सुगंध गीतिका शतकवीर संचालक सम्मान प्राप्त करने वाले साथी को हार्दिक बधाई 💐💐💐💐
गुरुदेव संजय कौशिक 'विज्ञात' जी के मार्गदर्शन में अनेक शतकवीर कार्यक्रमों का सफल आयोजन हुआ है। उनका मार्गदर्शन और स्नेहाशीष सदैव मंच को मिलता रहे इसी कामना के साथ आप सब का हार्दिक आभार इस अविस्मरणीय क्षण का साक्षी बनने के लिए 🙏
Friday, 2 September 2022
विज्ञात मात्रिक सवैया छंद का नामकरण संपन्न हुआ।
👀👀👀👀👀👀👀👀👀👀👀
*कलम की सुगंध, छंदशाला,संचालन मंडल*
. 👀👀 *पंच परमेश्वराय:नम:*👀👀
आ.अनिता भारद्वाज अर्णव जी की गरिमामयी उपस्थिति एवं आ. अनिता मंदिलवार 'सपना' जी के संचालन में...
आ. बाबू लाल शर्मा बौहरा विज्ञ, की अध्यक्षता में
आ. नीतू ठाकुर विदुषी की गहन समीक्षा में, विशिष्ट अतिथि आ. गोपाल साखी पंडा, एवं सुधि छंदकार आ. इन्द्राणी साहू 'सांची',आ. बोधन राम निषाद राज जी, अर्चना पाठक जी के सानिध्य में
विज्ञात मात्रिक सवैया
का विवेचन कर प्रथम सृजनकर्ता रहे छंदकार-
आ. पूजा शर्मा 'सुगंध', नीतू ठाकुर'विदुषी', आ. आरती श्रीवास्तव 'विपुला', आ.गीतांजलि 'अनकही', आ. अनुराधा चौहान 'सुधि', आ.बाबू लाल शर्मा, बौहरा, विज्ञ, .आ. कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा', आ. कृष्ण मोहन 'निगम', आ. सौरभ प्रभात जी, आ. रानू मिश्रा अजिर जी, आशा शुक्ला जी,
की इस छंद पर रचनाओं के विवेचन के आधार पर आज हिन्दी साहित्य हेतु नवीन छंद "विज्ञात मात्रिक सवैया" को सहर्ष मान्यता प्रदान की जाती है।
विज्ञात मात्रिक सवैया
*छंदाविष्कारक... श्री संजय कौशिक विज्ञात*
विधा- *विज्ञात मात्रिक सवैया*
विधान:-
पंक्तियों का लेखन आधार - मात्रा आधार
मात्रा की संख्या - 16,16 की यति के साथ
कुल मात्रा एक पंक्ति में -32
कुल पंक्ति - 4
तुकांत - चारों पंक्ति में समान
पंक्ति के अंत में - चौकल या यगण
जगण - चारों पंक्तियों में प्रत्येक स्थान पर वर्जित
लगा द्विकल - (प्रत्येक पंक्ति में लगा के पश्चात द्विकल लिया जा सकता है केवल 16 वीं मात्रा है जहाँ, वहाँ यति से पूर्व )
त्रिकल - के पश्चात एक और त्रिकल अनिवार्य है।
।। *विज्ञात मात्रिक सवैया* ।।
जय जय जय गणराज कहो जय, और कहो गणपति हो मेरे।
भक्ति सहित हिय दीप जलाओ, युक्ति यही काटे अंधेरे।
भाव जगा यश गान करो फिर, नाम यही जिह्वा जब टेरे।
कष्ट मिटें सब काज सधेंगे, घर आएंगे गणपत तेरे।।
. ... ©- *संजय कौशिक 'विज्ञात'*
. 👀👀🌼👀👀
*विज्ञात मात्रिक सवैया, छंद को आज दिनांक ०२.०९.२०२२ शुक्रवार को मान्यता प्रदान की जाती है।*
.........✍
*बाबू लाल शर्मा, बौहरा, विज्ञ*
वास्ते-
*कलम की सुगंध : छंदशाला*
👀👀👀👀👀👀👀👀👀👀👀
कलम की सुगंध छंदशाला पटल पर 'विज्ञात मात्रिक सवैया छंद' को मान्यता प्राप्त होने के पश्चात सभी का आभार व्यक्त करते हुए गुरुदेव संजय कौशिक 'विज्ञात' जी ने कहा ...
कलम की सुगंध छंदशाला मंच पर
मंच संचालिका आदरणीया अनिता मंदिलवार सपना जी जिन्होंने आज दिवस संचालक की भूमिका का भी निर्वहन किया है तथा आज के समीक्षकगण अनिता सुधीर आख्या जी और चमेली कुर्रे सुवासिता जी सहित सादर आमांत्रित समीक्षकगण आदरणीया नीतू ठाकुर 'विदुषी' जी मीडिया प्रभारी कलम की सुगंध और प्रमुख समीक्षक छंदशाला मंच आदरणीय बाबू लाल शर्मा, बौहरा, 'विज्ञ' जी आप सभी का हार्दिक आभार प्रकट करता हूँ । एक शतक से अधिक समय आप सभी को इसी प्रकार परेशान करने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ पर माँ वीणापाणि जब जब आदेशित करती हैं तब-तब मैं उपस्थित हो जाता हूँ आप सभी के समक्ष आज का प्रयास ऐसा सम्माननीय मंच के अति सम्माननीय कविगण इसे अनेकों बार लिख चुके हैं थोड़ा सा अंतर अवश्य रहा है यह नूतनता स्वीकार मंच पर उपस्थित बुद्धिजीवी वर्ग
आदरणीय बोधन राम निषाद राज जी, आदरणीया इन्द्राणी साहू साँची जी, आदरणीय कृष्ण मोहन निगम जी, आदरणीया अर्चना पाठक निरन्तर जी, आदरणीया धनेश्वरी देवांगन धरा जी, आदरणीय कन्हैया लाल श्रीवास जी, आदरणीय परमजीत सिंह कोविद जी, आदरणीया गीताजलि जी, सहित 🌹मुख्य अतिथि सखी गोपाल पंडा जी 🌹 नीतू ठाकुर 'विदुषी' जी तथा बाबूलाल शर्मा बौहरा 'विज्ञ' जी ने स्वीकार कर इसे पूर्व की तरह नूतन छंद में मान्यता प्रदान की इसके लिए मैं पुनः मंच संचालिका आदरणीया अनिता मंदिलवार सपना जी का सादर सादर आमांत्रित समीक्षकगण आदरणीया नीतू ठाकुर 'विदुषी' जी मीडिया प्रभारी कलम की सुगंध और प्रमुख समीक्षक छंदशाला मंच आदरणीय बाबू लाल शर्मा, बौहरा, 'विज्ञ' जी का आत्मीय आभार प्रकट करता हूँ और मंच पर उपस्थित रचनाकारों सृजनकारों के स्नेह का ऋणी हूँ जिन्होंने प्रथम बार प्रदत्त विषय पर अपनी सशक्त लेखनी बहुत सुंदर आकर्षक ढंग से चलाई है प्रथम सृजनकर्त्ता की सूची प्रेषित संलग्न कर आप सभी का भी आत्मीय आभार प्रकट करता हूँ जो आप सभी ने पूर्व की भांति मुझे प्रोत्साहित कर सम्बल प्रदान किया है।
*विज्ञात मात्रिक सवैया* / *विज्ञात चौपाई सवैया*
का विवेचन कर प्रथम सृजनकर्ता रहे छंदकार-
१. आ. पूजा शर्मा 'सुगंध'
२. आ. नीतू ठाकुर'विदुषी'
३. आ. आरती श्रीवास्तव 'विपुला'
४. आ.गीतांजलि 'अनकही'
५. आ. अनुराधा चौहान 'सुधी'
६. आ.बाबू लाल शर्मा, बौहरा, विज्ञ
७.आ. कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'
८. आ. कृष्ण मोहन निगम
९. आ. सौरभ प्रभात
१०. आ. रानू मिश्रा 'अजिर'
११. आ. किरण कुमारी 'वर्तनी'
१२. आ. राधा तिवारी 'राधे गोपाल'
१३. आ. साखी गोपाल पण्डा
१४. आ. चमेली कुर्रे सुवासिता
१५. आ. शिशुपाल गुप्ता
१६. आ. अनिता मंदिलवार 'सपना'
१७. आ. रीना गुप्ता 'श्रुति'
१८. आ. परमजीत सिंह 'कोविद'
१९. आ. आशा शुक्ला
आप सभी का प्रथम सृजनकर्त्ता के रूप में आत्मीय आभार प्रकट कर करता हूँ।
इस अवसर पर मंच पर उल्हास का वातावरण था और अनेक रचनाकारों ने नवनिर्मित छंद पर अपनी लेखनी चलाकर अपने भाव व्यक्त किये। इस विशेष अवसर पर प्रथम सृजन कर्ता के रूप में सभी को सम्मानित किया गया। प्रेषित हैं कुछ रचनाएँ.....