आज है हिन्दू पर्व का पावन दशहरा,
कितना भी हो द्वेश और संकट गहरा।
सहनशील धैर्य विवेक बल का ले सहारा,
आओ मनाये दशहरा का पावन पर्व प्यारा।
बांस गत्ते घास का बना एक पुतला,
दिख रहा था लंबा चौड़ा पतला दुबला।
लंका नरेश रावण था एक राजा अभिमानी,
बीसों भुजा दशों शीश कटाये रावण महाज्ञानी।
दशहरा का पर्व मनाये सब मिल कर भाई,
मतभेद न रहे हिन्दू मुस्लिम सिख्ख ईसाई।
माँ दुर्गा से आशिर्वाद मिला ये दशहरा पर्व,
सहस्त्र समाज दशहरा मनायें हमें है गर्व।
बाली दुर्योधन दु:शासन रावणऔर कंश,
इनकी अंहकार से कुल विनाश हुआ वंश।
जीत सदा सत्य की रखिए मन में विस्वास,
सच्चाई के सामने हो अंतस बुराई का नाश।
रावण महाज्ञानी शिव का परम भक्त,
सीता हरण के लिए धरा वेश साधु संत।
दशानन के जब बढ़ गये भू अत्याचार,
दशहरा के दिन श्रीराम जी ने किया संहार।
दशहरा में राम जीत की परम्परा निभाऐंगे,
रावण के साथ साथ बुराई को भी जलाऐंगे।
दशहरा विजयादशमी की शुभकामनाएँ,
जीवन में सुख शांति की मंगल भावनाएँ।
सुशीला साहू "शीला"
रायगढ़ (छत्तीसगढ़)
सुंदर रचना 👌👌👌 ढेर सारी शुभकामनाएं 💐💐💐
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