तर्ज- मुहब्बत की झूठी कहानी पे रोए
भले हो उजाला भले हो अँधेरा
जहां साथ तेरा वहीं हो बसेरा।
सभी राज दिल के अभी जान लें हम
बँधी डोर तुमसे यही मान लें हम
करो आज वादा न तुम छोड़ दोगे
लगाकर कभी दिल न तुम तोड़ दोगे
जनम तक रहे संग तेरा व मेरा
जहां साथ तेरा वहीं हो बसेरा।
लिखे गीत मैंने सुनो आज तुम भी
हमारे मिलन के बुनो ख्वाब तुम भी
अलग एक गाथा हमारी तुम्हारी
तुम्हीं आज पूजा तुम्हीं हो ख़ुमारी
अभी जिंदगी में हुआ है सवेरा
जहां साथ तेरा वहीं हो बसेरा।
बनी हीर रांझा हमारी कहानी
लिखेंगे नया छोड़ बातें पुरानी
सभी अप्सरा को जमीं पर उतारे
हमारे मिलन की गवाही सितारे
हमेशा बने तू प्रिये साज मेरा
जहां साथ तेरा वहीं हो बसेरा
भले हो उजाला भले हो अँधेरा
जहां साथ तेरा वहीं हो बसेरा
इति शिवहरे
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