Tuesday, 17 March 2020

कलम की सुगंध के अनमोल रत्न

*कलम की सुगंध*

  अर्णव कलश एसोसिएशन के राष्ट्रीय साहित्यिक मिशन कलम की सुगंध के स्वरूप पर दो शब्दों की व्याख्या गद्य -पद्य की भिन्न-भिन्न साहित्यिक विधाओं के भिन्न-भिन्न व्हाट्सएप्प ग्रुप के माध्यम से और फेसबुक के माध्यम से हजारों कलमकारों को उनकी मनपसंद विधा में सृजन, लेखन कार्य नियमानुसार सीखना और सीखाना।


*कलम की सुगंध के अनमोल रत्न*

सजंय कौशिक 'विज्ञात'  (पानीपत हरियाणा) कलम की सुगंध संस्थापक के बहुमूल्य रत्न बाबूलाल शर्मा 'विज्ञ' (दौसा राजस्थान), अनिता मंदिलवार 'सपना' (अंबिकापुर छतीसगढ़) नजर द्विवेदी (उत्तरप्रदेश) हीरालाल यादव (मुंबई महाराष्ट्र) मेहुल लूथरा (चरखी दादरी हरियाणा) संजय सनन (पानीपत हरियाणा) नरेश 'जगत' (नवागाँव, महासमुंद छत्तीसगढ़) ऋतु कुशवाह (मध्यप्रदेश) देव टिंकी होता (छत्तीसगढ़)  नीतू ठाकुर 'विदुषी' (महाड, महाराष्ट्र) अनंत पुरोहित 'अनंत' (छत्तीसगढ़) निधि सिंगला (उत्तरप्रदेश) अनुपमा अग्रवाल (उत्तरप्रदेश) अनुराधा चौहान (मुम्बई, महाराष्ट्र) अभिलाषा चौहान (राजस्थान) रुनु बरुआ (असम) नवलपाल प्रभाकर 'दिनकर' (साल्हावास, झज्जर, हरियाणा) सुशीला जोशी 'विद्योत्मा' (मुज्जफरनगर) कुसुम कोठारी (कलकत्ता पाश्चिम बंगाल) डॉ. इन्दिरा गुप्ता 'यथार्थ' (दिल्ली) अर्चना पाठक निरन्तर (अंबिकापुर छत्तीसगढ़) इंद्राणी साहू साँची (भाटापारा, छत्तीसगढ़)  बोधन राम निषादराज 'विनायक' सहसपुर लोहारा, जिला-कबीरधाम(छ.ग.) गोपाल साखी पांडा (छत्तीसगढ़) मनोरमा जैन 'विभा' (मध्यप्रदेश) चमेली कुर्रे 'सुवासिता' (बस्तर छत्तीसगढ़) सरोज दुबे 'विधा' (रायपुर छत्तीसगढ़) रूपेश कुमार (सिवान, बिहार) सहित अर्णव कलश अध्यक्ष रमेश चंद्र कौशिक गुरु जी बेरी वाले (समालखा, पानीपत, हरियाणा) और महासचिव डॉ. अनिता भारद्वाज 'अर्णव' (चरखी दादरी हरियाणा) पवन रोहिला (पानीपत हरियाणा)

*ये कुण्डलियाँ बोलती हैं*

कुण्डलियाँ साझा संग्रह रवीना प्रकाशन के माध्यम से प्रकाशित हो चुका है जिसमें पूरे भारत वर्ष के समकालीन 74 कुण्डलियाँ रचनाकारों को सम्मिलित किया गया है जिसमें कवि रचनाकारों के साथ-साथ कवयित्री रचनाकारों ने भी बढ़ चढ़ कर प्रतिभागिता दर्ज की है। इससे यह प्रमाणित होता है कि कुण्डलियाँ 6 पंक्ति 12 चरण की छंदबद्ध विधा को जितनी सरलता से कवयित्री रचनाकारों ने सृजन किया है वह बहुत ही प्रशंसनीय है। कलम की सुगंध के राष्ट्रीय साहित्यिक मिशन छंद को कलम द्वारा अधिक से अधिक लिखा जाये इन उद्देश्यों की पूर्ति में लगभग प्रतिवर्ष 100 से अधिक नवोदित रचनाकार और प्रतिष्ठित रचनाकार जो छंद मुक्त और अतुकांत लिखते आ रहे हैं उन्हें प्रशिक्षित करके छंद लिखवाए जाते हैं।

*योजनाबद्ध साझा संग्रह*

*विज्ञात नवगीत साझा संग्रह* अनेक साझा संग्रह प्रकाशित करवा चुके प्रधान सम्पादक संजय कौशिक 'विज्ञात' अर्णव कलश एसोसिएशन के राष्ट्रीय साहित्यिक मिशन कलम की सुगंध के माध्यम से नवगीत साझा संग्रह योजनाबद्ध किया गया है इस संग्रह में सह सम्पादक नीतू ठाकुर 'विदुषी' के सहयोग से सम्पूर्ण भारत वर्ष के नवगीतकारों को सम्मिलित करके इस विधा के माध्यम से सृजन में बिम्ब, सकारात्मक सोच, नवधारस और सपाट कथन के चलते लुप्त प्रतीत अलंकारों के पुनः प्रयोग कर सृजनात्मक शैली में सरलता से अपनाया जा सके ऐसी योजना है।

*प्रकाशनाधीन साझा संग्रह*

भारत वर्ष के समकालीन सर्वोत्तम दोहाकारों के साथ *ये दोहे बोलते हैं* दोहा साझा संग्रह फरवरी 29 को सम्पूर्ण किया गया था। जिसमें सम्पूर्ण भारत वर्ष 153 समकालीन दोहाकारों को सम्मिलित किया गया था। उत्कर्ष प्रकाशन ने कलम की सुगंध राष्ट्रीय साहित्यिक मिशन के सहयोग से प्रधान सम्पादक संजय कौशिक 'विज्ञात' सह सम्पादक अनिता मंदिलवार 'सपना' और सम्पादक की भूमिका में डॉ. अनीता रानी भारद्वाज 'अर्णव' हैं।

*हाइकु संग्रह* :- देश के अलग-अलग प्रान्तों से 17 नियमों पर  101 हाइकुकारों को सम्मिलित कर साझा संग्रह प्रकाशनाधीन है जिसमें गत 3 वर्षों से सह सम्पादक नरेश 'जगत' के अथक परिश्रम से 10-10 हाइकु चयन हो सके।यह अपने आप में 3 साल की लंबी अवधि में तैयार होने वाला विशेष और अद्भुद संग्रह है।

*कवि सम्मेलन* : धरातल पर वार्षिक आयोजन 4 कवि सम्मेलन और मुशायरे से अलग ऑनलाइन कवि सम्मेलन , छंद काव्य पाठ सम्मेलन, मुशायरे समय समय पर आयोजित होते रहते हैं।

*ई-पत्रिका* मासिक / त्रय मासिक ई पत्रिका भी उपलब्ध करवाई जाती है जिसमें ग़ज़ल, छंद नवगीत, लघु कथा आदि सम्मिलित किये जाते हैं।

*शतकवीर सृजन कार्यक्रम* इस कार्यक्रम में किसी एक विधा पर प्रदत्त शब्द के माध्यम से एक- एक विधा को 100-100 बार लिखवाया जाता है। इसके पश्चात सृजनकर्त्ता को शतकवीर सम्मान से सम्मानित किया जाता है। दोहा, रोला, चौपाई, मुक्तक, मनहरण जैसी विधाओं के पश्चात अब हाल ही में कुण्डलियाँ शतकवीर कार्यक्रम सफलता पूर्वक सम्पन्न हो चुका है।

*एकल संग्रह की योजना* गत चार वर्षों में इस वर्ष पहली बार एकल संग्रह भी निकालने की योजना बनाई गई है। जिसकी शुरूवात कुण्डलियाँ एकल संग्रह लघु पुस्तिका के रूप में प्रारम्भ की जा चुकी है।

*वर्कशाप* के माध्यम से विधा , छंद अलंकार और अन्य बारीकियों पर समय-समय पर सामूहिक चर्चाएं आयोजित होती रहती हैं। जिनसे शिल्प की बारीकियां आसानी से समझी जा सकती हैं।


*ये कुण्डलियाँ बोलती हैं*  *(साझा संग्रह)*
*प्रधान सम्पादक*
*संजय कौशिक 'विज्ञात'*
9991505193

10 comments:

  1. कलम की सुगंध मंच और आदरणीय विज्ञात जी को बहुत-बहुत बधाई। हमें गर्व है हम इस मंच का हिस्सा है।इस अद्भुत जानकारी के लिए आपका आभार सखी 💐

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  2. बहुत बहुत बधाई, सरोज दुबे 'विधा'रायपुर छत्तीसगढ़ है l
    यहाँ रायगढ़ लिखा हुआ है संशोधित करने की कृपा करें, निवेदन l

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  3. बहुत बधाई 🌹
    मेरा सही नाम डॉ़ इन्दिरा गुप्ता यथार्थ है
    कृपया सही कर लें मान्यवर

    🙏 🎉

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  4. कलम की सुगंध के अनमोल रत्नों में मेरा नाम शामिल है ।देख कर जो अनुभूति हो रही,वह शब्दों में व्यक्त करना मेरे लिए फिलवक़्त मुमकिन नहीं। हर्षित हूँ मनोरमा जैन विभा

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  5. कलम की सुगंध के अनमोल रत्नों में मेरा नाम शामिल है ।देख कर जो अनुभूति हो रही,वह शब्दों में व्यक्त करना मेरे लिए फिलवक़्त मुमकिन नहीं। हर्षित हूँ मनोरमा जैन विभा

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  6. मुझे ऋतु असूजा को भी इस ग्रुप से जोड़िए

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  7. मैं सीमा आचार्य मुझे भी समूह से जोड़ने का कष्ट करें आ0��

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  8. आभारी हूँ आदरणीय विज्ञात सर, जगत सर, नीतू जी, अनुराधा जी व अन्य सभी विद्वज्जनों की जिनके मार्गदर्शन व सहयोग से मैं इस मंच का हिस्सा बन सकी।🙏🙏🙏🙏
    सभी को हार्दिक शुभकामनायें 💐💐💐💐💐

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