विषय - मल्हार
विधा - राग मेघ मल्हार ,
***
मात्रा - 16
************************
बरसो मेघा प्यारे आओ ,
चमचम बिजुरी अब चमकाओ ।
***
राग मल्हार सुना रही हूँ ,
मत प्यारे अब देर लगाओ ।
बरसो मेघा प्यारे आओ ।।
***
सुध बिसराए क्यों बैठे हो ,
नील गगन से मोह छुड़ाओ ।
बरसो मेघा प्यारे आओ ।।
***
धरती प्यासी तड़प रही है ,
आकर उसकी प्यास बुझाओ ।
बरसो मेघा प्यारे आओ ।।
***
लता वृक्ष सब सूख रहे हैं ,
नव जीवन संचार कराओ ।
बरसो मेघा प्यारे आओ ।।
***
नम आँखों से कृषक निहारे ,
उनकी आस नही ठुकराओ ।
बरसो मेघा प्यारे आओ ।।
***
चुप हैं कोयल मोर पपीहा ,
इनके मन में शोर मचाओ ।
बरसो मेघा प्यारे आओ ।।
***
रिमझिम रिमझिम मोती बरसा ,
धरती का श्रृंगार सजाओ ।
बरसो मेघा प्यारे आओ ।।
***
हरियाली धरती पर लाकर ,
जीव जगत खुशहाल बनाओ ।
बरसो मेघा प्यारे आओ ।।
**********************************
✍️इन्द्राणी साहू "साँची"✍️
भाटापारा (छत्तीसगढ़)
★★★★★★★★★★★★★★★★★
@Kalam ki Sugandh
सुंदर रचना 👌👌👌....बहुत बहुत बधाई 💐💐💐
ReplyDeleteबहुत सुंदर सृजन 👍👍
ReplyDelete