Thursday 11 June 2020

कलम की सुगंध अंतरराष्ट्रीय लाइव कवि सम्मेलन का समापन



*प्रेस - विज्ञप्ति*

अंतरराष्ट्रीय लाइव कवि सम्मेलन का समापन 

कोरोना भारत बंद के समय से अर्णव कलश एसोसिएशन के राष्ट्रीय सहित्यिक मिशन कलम की सुगंध के फेसबुक पर लाइव कवि सम्मेलन का अवसर दिया जो दो ग्रुप में संचालित किया गया कलम की सुगंध सृजनशाला और कलम की सुगंध छंदशाला ग्रुपों के माध्यम से सैकड़ों कवियों को काव्य पाठ का अवसर दिया गया जिसमें प्रतिष्ठित कवि से लेकर नवोदित कवियों को भी काव्य पाठ का अवसर मिला।  कार्यक्रम का उद्घाटन सत्र, डॉ. अनिता भारद्वाज अर्णव जी ने अपने  शुभकमना संदेश तथा  काव्य पाठ से प्रारम्भ किया तो वहीं समापन सत्र में भारतीय हिन्दी साहित्य जगत के एक सशक्त हस्ताक्षर डॉ. कुँवर बेचैन जी के काव्य पाठ से कल रात्रि 8 से 9 बजे समा बांधती हुई प्रस्तुति के साथ सम्पन्न हुआ है। आज 11 बजे से लेकर 12 बजे तक अर्णव कलश के राष्ट्रीय साहित्यक मिशन कलम की सुगंध के संस्थापक संजय कौशिक विज्ञात ने सभी कवियों के आभार में दो-दो पंक्तियों की कविता कही और अंत में कुछ गीत और मुक्तक के साथ कार्यक्रम का समापन किया। 
लाइव कवि सम्मेलन में एक घण्टे की काव्य प्रस्तुति के लिए हरियाणा ग्रन्थ अकादमी के उपाध्यक्ष महोदय वीरेंद्र सिंह चौहान, कवि महेंद्र जैन हिसार, महेंद्र बिलोटिया, सुशीला जोशी विद्योत्तमा मुज्जफरनगर, दरभंगा बिहार से बिनोद हँसोड़ा, हास्य कवि सुरेंद्र यादवेंद्र राजस्थान, अमेरिका से गीतांजलि विधायनी, सरोज दुबे विधा, चमेली कुर्रे सुवासिता, और विजेंदर ग़ाफ़िल के साथ साथ नवोदित लक्ष्य कौशिक, सुमित कौशिक, ध्रुव कौशिक, चेतन भारद्वाज आदि की प्रस्तुति मनमोहक रही। अर्णव के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरु जी रमेश चंद्र कौशिक ने बताया कि संजय कौशिक विज्ञात के संयोजन और विदुषी के संचलन में यह कार्यक्रम सफल रहा। डॉ. अनिता भारद्वाज अर्णव इस कार्यक्रम में सह संचालन और सह संयोजन का प्रभार निभाती दिखी। इस प्रकार से एक सफल संदेश कोरोना भारत बंदी के समय घरों में रहिये सुरक्षित रहिये को बल देने का प्रयास सफल सिद्ध हुआ। अभी कलम की सुगंध छंदशाला ग्रुप अनिता मंदिलवार सपना के संयोजन और तोषण कुमार दिनकर के संचालन में 30 जून तक चलेगा यह लाइव कवि सम्मेलन कार्यक्रम।

इस अवसर पर आदरणीय संजय कौशिक विज्ञात जी ने कहा.....
सादर नमस्कार प्रणाम मित्रों । बड़े हर्ष का विषय है कि आप विद्वत समाज के सहयोग से कलम की सुगन्ध सृजनशाला ने कठिन समय को विचारों की प्रस्तुति से सहजता का  आभास कराया । आदि शक्ति स्वरूपा माताओं, बहनों ,बेटियों से सुसज्जित परिवार ने मनोयोग से कार्यक्रम को गति प्रदान करने में  सहयोग दिया ,मित्रों, ये कार्यक्रम ,कलम की सुगंध के दो समूहों में चलाया गया है दूसरे  समूह छंदशाला से भी उत्साह की छवि निरन्तर निखरती चली आ रही है । सृजनशाला के लाइव कवियों, सृजनकर्ताओं  का मैं हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करता हूँ। कार्यक्रम का उद्घाटन सत्र, डॉ. अनिता भारद्वाज अर्णव जी ने अपने  शुभकमना संदेश तथा  काव्य पाठ से प्रारम्भ किया तो वहीं समापन सत्र में भारतीय हिन्दी साहित्य जगत के एक सशक्त हस्ताक्षर कुँवर बेचैन जी के काव्य पाठ से कल रात्रि 8 से 9 बजे समा बांधती हुई प्रस्तुति के साथ सम्पन्न हुआ है। कार्यक्रम अपने चरम बिंदु पर आकर समाप्त किया गया है। जबकि कवि परिवार के लगभग 100 हस्ताक्षर पंक्ति बद्ध थे जिनकी प्रस्तुति शेष थी जिनमें कुछ बड़े नाम कुछ नवोदित हैं। उनके लिए अलग से कोई योजना बनाई जाए परिवार से विनम्र निवेदन है। उन्हें अवसर अवश्य दिया जाना चाहिए। अपने इस सफल कार्यक्रम की मध्य अवधि में, उत्तरांचल से भूषण जी, सुशीला जोशी जी,वीरेंदर सिंह चौहान जी हरियाणा, महेन्द्र जैन जी हरियाणा ने अपने विचारों से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किया। जैसा कि आप सबको विदित है कि अनेक बड़े हस्ताक्षर आये और अनेक नवांकुरों को भी मंच पर काव्य पाठ अवसर मिल सका। आज आप सभी का हार्दिक आभार प्रकट करने का आदेश कलम की सुगंध परिवार द्वारा मुझे प्राप्त हुआ है। जिसकी अनुपालना करते हुए मैं अग्रिम पंक्तियों के साथ  आपका आभार व्यक्त करता है।

सर्वप्रथम डॉ. अनिता भारद्वाज अर्णव जी आपका हार्दिक आभार आपने बहुत सुंदर काव्य पाठ किया इन दो पंक्तियों के साथ कलम की सुगंध परिवार आपका हार्दिक आभार कहता है

1
अर्णव का कौशल करे, अर्णव सी शुरुआत।
उत्तम नेक विचार ही, हरे तिमिर की रात।।। 
 
तो अग्रिम प्रस्तुति मशहूर ग़ज़लकार फिरोज खान जी की रही आपके आभार में प्रस्तुत हैं दो पंक्तियाँ         
2
रख्खे कलम फिरोज जब, खिल उठते हैं शेर।
और ग़ज़ल निखरी लगे, चमक उठे वो फेर।।


अग्रिम प्रस्तुति से मंच को मंत्रमुग्ध कर देने वाली कवयित्री आदरणीया सुशीला जोशी जी परिवार की तरफ से आपका हार्दिक आभार
3
मधुर काव्य विद्योत्तमा, काव्य सहित अनुवाद।
खण्ड काव्यमय पाठ की, गूँजे चहुँ दिश नाद।।

कविवर महेंद्र सिंह बिलोटिया जी आपका हार्दिक आभार इन 2 पंक्तियों के साथ किया जाता है
4
बोली ये हरियाणवीं, जिनके मुख के बोल।।
सुंदर कहें बिलोटिया, काव्य रसों को घोल।।

कवयित्री पूनम दुबे वीणा जी इन दो पंक्तियों के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है
5
जैसे वीणा गूँजती, गूँजे उत्तम राग।
पूनम स्वर ऐसे लगें, कूके कोयल बाग।।

कवयित्री ऋतु कौशिक जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
6
काव्य सशक्त प्रवाह हो, कविता का ये काम।
काव्य पाठ मोहक करे, ऋतु कौशिक है नाम।।

कविवर पंकज अंगार जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका हार्दिक आभार प्रकट किया जाता है।
7
सब रस की कविता कहें, मुख्य रहे शृंगार।
युवा हृदय की धड़कने, समझें सब अंगार।।

माननीय कविवर वीरेंद्र चौहान जी उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रन्थ अकादमी इन 2 पंक्ति के साथ आपका हार्दिक आभार प्रकट किया जाता है।
8
उत्तम गुण पहचान के, करते उत्तम काव्य।
कवि कुल में चौहान जी, श्रेष्ठ रहें संभाव्य।।

लाइव कार्यक्रम समापन के अंतिम दिवस आप सभी की उपस्थिति प्रशंसनीय है हार्दिक वंदन अभिनंन्द
के साथ चलते हैं हिन्दी काव्य के अग्रिम सशक्त हस्ताक्षर
कविवर दिनेश रघुवंशी जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका हार्दिक आभार प्रकट किया जाता है। बहुमूल्य समय परिवार को दिया, निकट भविष्य में भी ये आपका भ्रात विज्ञात आपको पुनः अधिकार स्वरूप परेशान करता रहेगा।😀
9
रघुवंशी वह नाम है, जो कवि कुल सिरमौर।
कहते मुक्तक गीत जब, लगे उन्हीं का दौर।।

कविवर जय प्रकाश जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
10
कवियों  के इस गाँव में, सुना एक 'जय' नाम।
श्रोता के मन की कहें, बसें हृदय के धाम।।

कविवर कौशल शुक्ला जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
11
मन की कहते बात सब, कौशल कवि के भाव।
भावों की नदिया बहे, अलग सृजन की नाव।।

कविवर भूषण त्यागी जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
12
भूषण कहते वीर रस, राष्ट्रवाद के कार्य।
पावन इनका क्षेत्र वो, जहाँ रहे हैं आर्य।।

कवयित्री मीनाक्षी पारीक जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
13
मीनाक्षी पारीक को, सुनते श्रोता खूब।
कविता की गंगा बहे, कहें भाव में डूब।।

कविवर महेंद्र जैन जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
14
कविवर जैन महेंद्र जी, हरियाणा की शान।
सतत कर्म नित श्रेष्ठ हैं, इनकी ये पहचान।।

पुत्र ध्रुव इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
15
वर ध्रुव वीणापाणि का, उत्तम स्वर का ज्ञान।
सीख चलो कविता कथन, बने अलग पहचान।।

सरोज दुबे विधा जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
16
मधुर लुभावन स्वर सरित, बहे 'विधा' की गंग।
वर ये वीणापाणि का, कविता काव्य उमंग।।

कवयित्री शील कौशिक जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
17
हरियाणे की ये सुता, शील कहें सब नाम।
गीत गजल पहचान से, सिद्ध काव्य के काम।।

कवयित्री पूजा सुगंध जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
18
पूजा काव्य सुगंध से, सुरभित कलम सुगंध।
छंद अनेक प्रकार के, कहे अनेको बंध।।

कविवर कमल प्यासा पृथि जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
19
काव्य कमल प्यासा कहे, कविता के सब भाव।
विश्लेषण  भी  दे  रहे,  चली  भाव   की   नाव।।

कवयित्री प्रगति सिन्हा जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
20
प्रगति गीत मुक्तक कहे, कहे निराले बंध।
काव्य धार गंगा बहे, खिलती बाग सुगंध।।

कवयित्री गायत्री शुक्ला जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
21
गायत्री शुक्ला बनी, एक प्रतीक महान।
शिक्षण जैसे कार्य की, ऊँची सी है शान।।

कवयित्री गीतांजलि विधायनी जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
22
गीतांजलि इस देश का, अनुपम सा उपहार।
अमेरिका में कर रही, हिन्दी बोल प्रचार।।

गजलकारा सोना रानू जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
23
सोना रानू की ग़ज़ल, इनके उत्तम बोल।
परिचय इनका दे रहे, शेर बड़े अनमोल।।

कविवर देव कवड़कर जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
24
देव कवड़कर काव्य के, एक पुरोधा तुल्य।
देख समस्या बोलते, श्रेष्ठ कथन बाहुल्य।।

मशहूर ग़ज़लकार विजेंदर ग़ाफ़िल साहेब जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
25
ग़ाफ़िल ग़ज़ल विजेंद्र का, रहा नाम पर्याय।
कीर्तिमान सब बोलते, ढूँढे विश्व उपाय।।

मशहूर गजलकारा अल्पना सुहासिनी जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
26
सुहासिनी जी अल्पना, पढ़ें काव्य गंभीर।
सच का दर्पण दे दिखा, कविता की तासीर।।

युवा कविवर चेतन भारद्वाज जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
27
चेतन प्रतिभावान है, अनुपम ये कविराज।
काव्य धरोहर मानते, देख रहे जो आज।।

कविवर भारत भूषण वर्मा जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
28
भारत भूषण श्रेष्ठ कवि, श्रेष्ठ रखें पहचान।
पड़ी लेखनी सोच में, कैसे लिखदे शान।।

मशहूर ग़ज़लकार रवि कांत अनमोल जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
29
उत्तम कवि रवि कांत है, उत्तम इनके बोल।
चमके अम्बर चांद ज्यूँ, इन्हें कहें अनमोल।।

महशूर ग़ज़लकार रमेश पुहाल जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
30
और रमेश पुहाल को, किस्से सब कंठस्थ।
हाली की हर बात वो, जिनके रहे तटस्थ।।

हास्य कविवर सुरेंद्र यादवेंद्र जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
31
हास्य सुरेंद्र प्रभाव है, यादवेंद्र है नाम।
एक व्यक्ति दो नाम से, काव्य व्यंग्य के काम।।

हास्य कविवर बिनोद हँसोड़ा जी आपने हँसा-हँसा कर सबको लोटपोट किया इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
32
विधिवत रस सधते जहाँ, एक बिनोद प्रमाण।
और हास्य रस की नदी, फूटे बिन ही बाण।।

पुत्र कविवर लक्ष्य कौशिक इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
33
नाम लक्ष्य कौशिक प्रमुख, सुने नवांकुर गीत।
करता नाम यथार्थ ये, मिले सदा ही जीत।।

शीला गहलावत सीरत जी आपका आत्मीय आभार प्रकट करती पंक्ति सौंपते हैं आपको
34
शीला सीरत काव्य की, सरिता एक महान।
उत्तम रस धारा बहे, उत्तम इनका ज्ञान।।

पुत्र कविवर सुमित कौशिक इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
35
काव्य सुमित कौशिक करे, भाव जड़े गंभीर।
काव्य जगत में कीर्ति हो, बढ़े निरन्तर वीर।।

हरियाणा के मशहूर गीतकार विकास यश कीर्ति जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
36
छंद बद्ध यश कीर्ति के, सुने अनेकों बंध।
बढ़ती दुगनी ही रही, इनकी काव्य सुगंध।।

हरियाणा के हास्य कविवर सुंदर कटारिया जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
37
कटारिया सुंदर कहे, देख हास्य के बोल।
सुनते ही सब हँस पड़े, लाये मिश्री घोल।।

कलम की सुगंध सृजनशाला समूह की मुख्य संचालिका कवयित्री नीतू ठाकुर 'विदुषी' जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
38
कवयित्री नीतू पढ़े, आज जगत के रोग।
करे प्रहार कुरीति पर, दिखे जहाँ उद्योग।।

कवयित्री एकता भारती इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
39
आज एकता भारती, नया नहीं है नाम।
काव्य पाठ के क्षेत्र में, इनके ऊँचे दाम।।

हरियाणा के हास्य कविवर कृष्ण गोपाल विद्यार्थी जी प्रस्तुत हैं आपके आभार की पंक्तियाँ
40
कृष्ण यही गोपाल है, विद्यार्थी उपनाम।
हास्य व्यंग्य के योग से, इनके अद्भुत काम।।

कवयित्री रजनी रामदेव जी प्रस्तुत हैं आपकी 2 पंक्तियाँ
41
रामदेव रजनी कहे, उत्तम सारे बंध।
सभी जड़ाऊ बोलती, अनुपम से ये छंद।।

कलम की सुगंध छंदशाला समूह की मुख्य संचालिका कवयित्री अनिता मंदिलवार सपना जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
42
अनिता मंदिलवार जी, काव्य करे गंभीर।
भाव भरी नौका चले, लगे सरयु के तीर।।

हिन्दी ग़ज़ल के बड़े हस्ताक्षर कविवर कुँवर बेचैन जी इन 2 पंक्ति के साथ आपका आभार प्रकट किया जाता है।
43
श्रेष्ठ कुँअर बेचैन कवि, दिखते सूर्य समान।
आज मंच ये खुश हुआ, पाकर इनसे ज्ञान।।





पत्रकार आदरणीय अशोक चुघ जी

पत्रकार सुरेश निरंकारी जी

पत्रकार अरविंद जी

अशोक चुघ पत्रकार
सुरेश निरंकारी पत्रकार
अरविंद पत्रकार 
आप सभी का कलम की सुगंध परिवार की तरफ से हार्दिक आभार पत्रकार महोदय , नमन, प्रणाम आपके अतुलनीय सहयोग के लिए, भविष्य में भी परिवार आपसे इसी सहयोग भाव की अपेक्षा रखता है पुनः हार्दिक आभार।



संजय कौशिक 'विज्ञात'
(कलम की सुगंध)