Sunday 29 September 2019

उम्मीद ...इन्द्राणी साहू "साँची"


विषय - उम्मीद
विधा - गीत 
***************
मात्रा भार 14 - 14
***************
"मन उम्मीद जगाता चल ,
मंजिल मिलती जाएगी ।।"
***
बोध ज्ञान का हो जाए ,
मत रहो माया में लिप्त ।
प्रखर प्रज्ञा जगा रखना ,
चेतना को रखो प्रदीप्त  ।
आगे कदम बढ़ाता चल ,
राहें चलती जाएगी ।
मन उम्मीद जगाता चल ,
मंजिल मिलती जाएगी ।।
***
ज्ञान यज्ञ की ज्योति जला ,
पथ आलोकित कर देना ।
उपवन हो वीरान भले ,
उसमें सुमन खिला लेना ।
पथ से कण्टक चुनता चल ,
बगिया खिलती जाएगी ।
मन उम्मीद जगाता चल ,
मंजिल मिलती जाएगी ।।
***
आँधी में भी बुझे नही ,
ऐसा दीपक बन जाना ।
छोड़ निराशा का दामन ,
आशा को ही अपनाना ।
सच का दीप जलाता चल ,
ज्वाला जलती जाएगी ।
मन उम्मीद जगाता चल ,
मंजिल मिलती जाएगी ।।
***
जीवन हो संघर्ष भरा ,
मुख मुस्कान सजा रखना ।
बुलन्दियों को छू लोगे ,
हिम्मत सदा बड़ा रखना ।
दृढ़ संकल्प उठाता चल ।,
विपदा गलती जाएगी ।
मन उम्मीद जगाता चल ,
मंजिल मिलती जाएगी ।।
******************************
✍️इन्द्राणी साहू "साँची"✍️
    भाटापारा (छत्तीसगढ़)
★★★★★★★★★★★★★★★

No comments:

Post a Comment